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    प्राचार्य

    principal

    प्रिय,विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों
    इस विद्यालय के लिए हमारा दृष्टिकोण केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता प्राप्त करना नहीं है बल्कि, विद्यार्थियों में दयालुता, रचनात्मकता और आलोचनात्मक विचारों का पोषण करने वाले गुणों का विकास करना है। जो पल-पल बदलती इस दुनिया में पनपने और विकसित होने के लिए आवश्यक कौशलों और मानसिकता से युक्त होना हैं। विद्यार्थियों को स्वयं सीखने के अवसर को बढ़ावा देकर हम यह आकांक्षा रखते हैं कि जहाँ छात्रों को अंतर्निहित प्रतिभाओं को खोजने व जानने का अवसर मिले। वह जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विविधता को अपनाएँ और नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए खुद को चुनौती के रूप में देखे इसके लिए उन्हे निरंतर प्रोत्साहित किया जाए।
    शिक्षा, हमारे लिए, केवल साध्य का साधन नहीं है, बल्कि आत्म-खोज और व्यक्तिगत विकास की यात्रा है। यह हमारे छात्रों में शिक्षा और सीखने के प्रति आजीवन प्रेम और अपने आसपास की दुनिया के बारे में जानने की जिज्ञासा की भावना पैदा करना है। उन्हें न केवल यह सिखाना है कि क्या सोचना है, बल्कि कैसे सोचना है – विवेक और ईमानदारी के साथ जानकारी पर प्रश्‍न उठाना, विश्लेषण करना और उसका मूल्यांकन करना भी शामिल है।
    हमारे शैक्षिक दर्शन के मूल में प्रत्येक व्यक्ति की अंतर्निहित गरिमा और क्षमता में विश्वास निहित है। हम एक ऐसा पोषण समुदाय बनाने का प्रयास करते हैं जहाँ विद्यार्थी स्वयं को सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए मूल्यवान, समर्थित और सशक्त महसूस करे। हमारा लक्ष्य सिर्फ छात्रों को आज की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना नहीं है, बल्कि उन्हें कल की जटिलताओं से निपटने के लिए कौशलयुक्त, लचीलापन और नैतिक क्षमता के गुणों से परिपूर्ण करना है।
    आइए हम इस प्रगतिशील यात्रा को एक साथ आरम्भ करते हैं, और संकल्प लेते है कि उत्कृष्टता, नवाचार और करुणा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ रहेंगे। आइए हम इसे एक ऐसा विद्यालय बनाएँ जहाँ प्रत्येक विद्यार्थी कार्य को स्वयं करके सीखें। जहाँ प्रत्येक विद्यार्थी यह महसूस करे कि उसे देखा, सुना और महत्व दिया गया है – एक ऐसा विद्यालय जहाँ सपनों को पोषित किया जाता है और उज्ज्वल भविष्य बनाए जाते हैं।
    नमस्कार,
    अवनीश कुमार पाठक
    प्रधानाचार्य